Vishvaraj ChauhanFeb 15, 20191 minMain Yahaan Aaya Hoonमैं यहाँ अपने आप को खोजने आया हूँ, उसके शहर की एक रात चुराने आया हूँ! मैं यहाँ अपने गीत सुनाने आया हूँ, उसकी शाम मे एक पल बिताने आया हूँ!...
Vishvaraj ChauhanApr 20, 20181 minSavaal Hai (Poem)दर वीरान है और दस्तक का सूना हाल है, शहर मे मकान तो है, पर घर का सवाल है| खुले उजाले मे बस्ते अंधेरे का ख़याल है, हँसना आता तो है, पर...