Ek Aur Kitaab Likhunga
एक और किताब लिखूंगा, उसमे ज़्यादा नही लिखूंगा..
बस चलती साँसों का हिसाब लिखूंगा, उनके बीच आई हर याद लिखूंगा..
बहते रक्त की फरियाद लिखूंगा, जो बह ना पाया वो दर्द लिखूंगा..
कटी हुई ज़बान का अफ़साना लिखूंगा; जो कह ना सका वो जज़्बात लिखूंगा..
खोई हुई नज़रों का ठिकाना लिखूंगा, जो देख ना पाया वो ख्वाब लिखूंगा..
थके हुए कदमों का सफ़र लिखूंगा, जो पा न सका वो मंज़िल लिखूंगा..
टूटे हुए अरमानो का जनाज़ा लिखूंगा, अधूरे रहे सपनो की तजल्ली लिखूंगा..
एक और किताब लिखूंगा, उसमे ज़्यादा कुछ नही लिखूंगा.. आँसुओ की स्याही से लिखूंगा, जो जी ना पाया वो ज़िंदगी लिखूंगा..
– Funadrius