Mile Jo Hum Kabhi (Poem)
मिले जो यूँ हम तुम फ़साने में, जानो अब बहुत हो चुका सबर चुप हो तुम, चुप हूँ मैं, अब हमें किसी और की क्या ख़बर!
मिले जो लब कभी यादों में, जैसे लहर से लहर मिलती हो अगर, ख़ुश हो तुम, ख़ुश हूँ मैं, अब हमें चाहिए तो बस इक क़ब्र!
मिले जो क़दम कभी ख़यालों में, चलें हम साथ साथ हर डगर, आगे आगे तुम, पीछे पीछे मैं, किसी की चिंता क्यूँ हो भला मगर?
मिले जो हम अगर कभी हक़ीक़त में, मानो मेहरबानी हुई इस क़दर, मोहब्बत में तुम, इश्क़ में मैं, जन्नत वही हो, हो हम साथ जिधर!
Funadrius